परिचय
ये है ललित मोहन। एक संवेदनशील और जिज्ञासु शोधार्थी — जो संगीत, मनोविज्ञान और न्यूरोविज्ञान के बीच की उलझनों में खुद को बड़े प्यार से फँसाए हुए हैं। कभी डेटा साइंस करते थे, अब संगीत संज्ञान पर रिसर्च कर रहे हैं। बीच-बीच में लिखते हैं, पेंटिंग करते हैं, या बस चुपचाप सोचते हैं। थोड़े बोहोत प्रोग्रामर भी हैं, और ये वेबसाइट बनाए हैं ताकि ब्लॉग, रिसर्च और कुछ-कुछ दिल की बातें यहाँ साझा कर सकें। बाकी चाहत है कि अछे लोगों तक पहुँचे, पूंजीवाद, जातिवाद, फासीवाद, और पित्रसत्ता का नाश करे, और अच्छे इंसान बने। आने का शुक्रिया।